लेखनी प्रतियोगिता -11-Jun-2024"सच्चा दिल"

        "सच्चा दिला"

देख के दर्द किसी का पिघल उठे मन जो। 
वही सही मायने में सच्चा दिल कहलाता हैं।। 

करता हैं सेवा निर्धन की विना स्वार्थ भाव जो। 
दिल में उस व्यक्ति के सच्चा करुणा भाव दमकता हैं।। 

भेद भाव ना रखे हृदय में सबको एक समझता जो। 
सच में ऐसे व्यक्ति के निर्मलता का दिल में दीपक जलता हैं।। 

छल कपट, झूठ और धोख़े से दूरी बना कर रखता जो। 
उसका हृदय पावन गंगा जल की धारा सा जैसा बहता हैं।।

दे कर ना रखें उम्मीद पाने की किसी से बदले में जो। 
साची प्रीत का राग उस दिल में सरगम बन थिरकता हैं।। 

मधु गुप्ता "अपराजिता"

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1 Comments

Anjali korde

12-Jun-2024 09:33 AM

Amazing

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